देखिए हीरो सर जी... पहले आप इस बूढे एक्सट्रा को खींचकर एक चांटा मारेंगे.... और चार सेकेण्ड तक उस चांटे की गूंज सुनाई देगी...
फिर आप अपना डायलॉग कहेगे.. यह चांटेवाला सीन हमारी पूरी फिल्म की जान है...
" हीरो को शाॅट समझाते हुए डायरेक्टर ने कहा....
" ऐसी बात है तो हीरो आज खुद स्टंट करेगा...
सिर्फ चांटा मारने की एक्टिंग नही बल्कि सच में चांटा मारुंगा...
तभी सीन में रियलिटी आएगी...
हीरो के इस सहयोग पर पूरी युनिट खुशी से उछल पड़ी...
वह बूढ़ा एक्स्ट्रा चांटा खाने के पहले ही अपना गाल सहलाने लगा निर्माता ने हँसते हुए उससे कहा-" अबे...डरता क्या है...
हीरो का चांटा खाकर तेरा भी कल्याण हो जायेगा...
घबरा मत.... चांटे के हर शाॅट पर तुझे सौ रुपए एक्स्ट्रा मिलेंगे...
शाॅट की तैयारी होने लगी...
कैमरा, लाइट, साइलेंस, यस....एक्शन... हीरो ने खींचकर बूढ़े के गाल पर चांटा मारा और अपना डायलॉग बोला....
" कट .....डायरेक्टर ने कहा...देखिए हीरो सर जी...
आपको चार सेकेण्ड रुककर डायलॉग बोलना है....
ओके.....ये सीन फिर से लेते है... इतने-से शाॅट के लिए री-टेक करवाना हीरो को अपमानजनक लगा....मगर वह मान गया...
फिर से वही तैयारी और वैसा ही "कट ....
" देखिए हीरो सर जी.... इस बार आप ज्यादा रुक गए...
प्लीज.... एक बार और...डायरेक्टर ने हीरो को पुनः समझाया....
"नहीं-नही.... बस अब पैक-अप...मेरे हाथ थक गए है...
अब मूड नहीं है....
हीरो के इस जबाब से सारी यूनिट उदास हो गई....
सभी ने हीरो को समझाना शुरू किया-" मान जाइए ना....
आज यह शाॅट लेना बहुत जरूरी है आपने शाॅट बहुत ही अच्छा दिया बस थोड़ा टाइमिंग हो जाए तो यह एक सीन पूरी फिल्म पर छा जाएगा....
बस....सिर्फ एक री-टेक और प्लीज....
कहते हुए निर्माता हाथ-पैर जोड़ने लगा....एक असिस्टेंट हीरो के हाथ पर आयोडेक्स मलने लगा
ना-नुकुर कर आखिर हीरो मान ही गया....एक नए जोश के साथ शाॅट की तैयारी शुरू हो गई....
" देखिए.... अब कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए....
ओके, यस रेडी...एक्शन. ..और "कट.....
इस बार बूढ़े एक्स्ट्रा ने शाॅट बिगाड़ दिया था....सारी युनिट उस पर टूट पड़ी ....
कौन है ये एक्स्ट्रा ....
कौन लाया इसे....
इतना--सा सीन ठीक से नहीं कर सका....
निकाल दो इसे....कल से दूसरा एक्स्ट्रा आयेगा....
बड़ी मुश्किल से तो हीरो सर जी राजी हुए थे.... अब कौन मनायेगा उन्हें।"
आखिर रोता हुआ बूढ़ा, हीरो के पैरों पर गिर पड़ा....
" साब....प्लीज एक शाॅट और दे दीजिए....मेरी नौकरी का सवाल है...अब गलती नहीं होगी...
आँखों के आँसू चांटा खाए लाल-लाल गाल पर लुढ़कने लगे....
हीरो को दया आ गई आखिर वे मान ही गया....
हीरो के मानते ही यूनिट का गुस्सा बूढ़े के प्रति जाता रहा....
और इस बार शाॅट ओके हो गया हीरो को अच्छा शाॅट देने पर सभी बधाइयां देने लगे....चांटा मारनेवाले हाथ को सहलाने लगे...
पूरी युनिट खुश थी कि चलो आज का काम निपट गया....
एक्स्ट्राओं का पेमेण्ट होने लगा...बूढ़े को चार बार चांटा खाने के चार सौ अतिरिक्त मिले...
एक कोने में खड़े बूढ़े से लाइनमैन ने पूछा-" तुम्हें तो तीस साल हो गए एक्स्ट्रा का रोल करते हुए...
फिर तुमसे गलती कैसे हुई ....
" दरअसल मै लालच में आ गया था प्रोड्यूसर ने हर री--टेक पर सौ रुपए ज्यादा देने को कहा था जब दो बार हीरो की गलती से री-टेक हुआ तो मैंने सोचा एक री-टेक मैं भी जान-बूझकर कर दूं तो चौथा शाॅट तो लेना ही पड़ेगा मुझे आज लड़की की परीक्षा-फीस चार सौ जो भरनी थी....
यह कहकर वह खुशी-खुशी अपने लाल हुए गालों को थपथपाने लगा। इस री-टेक में उसने अपनी जिन्दगी का बेहतरीन शाॅट जो दिया था...
दोस्तों दुनिया में हर एक पिता ऐसे बहुत से दर्दनाक दौर से स्वयं को गुजारता है सिर्फ और सिर्फ इसलिए की उसके बच्चों को उनकी फरमाइशों को वह पूरा कर सके ...आशा है आप अपने दोस्त दीप की बातों को बखूबी समझ रहे होगे...
एक सुंदर रचना....
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