सीमा जब मात्र दस वर्ष की थी तभी एक सडक दुर्घटना में उसके माता पिता का स्वर्ग वास हो गया रिश्तेदारों और पडोसियों के दबाव में बडे भाई मनीष ने शालिनी नाम की एक साधरण परिवार से आती लडकी से विवाह कर लिया ....
शालिनी ने सीमा को एक मां की तरह स्नेह और ममता से संभाल लिया सीमा अब बेहद खुश थी मगर अक्सर वो दुखी हो उठती जब भी उसका भाई मनीष भाभी मां शालिनी से लड़ता ...असल मे मनीष उन पुरुषों में था जो महिलाओं को अपने बराबर का नही मानते थे उनके कामों मे महिलाएं दखलंदाजी करे या रायसुमारी करें उसे बरदाश्त नही था ...अक्सर रातों को झगड़ा होता मगर सीमा को बडे भाई का लिहाज कर चुप रहना पडता ...
मगर उस रात...
जिस रात दोनों भाई भाभी झगड़े रहे थे उसमें उसके नाम का भी जिक्र हो रहा था जिज्ञासावश उसने दरवाजे पर कान लगाए तो सुनाई दिया - देखिए ...ये सीमा की जिंदगी का सवाल है एकबार आप....
चुप ....बहुत हुआ तुमहारा ....भाई हूं उसका बडा भाई ...उसका भला बुरा समझता हूं तुम बीच मे टांग मत अडाओ समझी ....
मगर... सीमा से एकबार पूछ तो लीजिए ...उसे जिंदगी बीतानी है ...पसंद नापसंद ...मे उसके साथ ये नाइंसाफी नही होने दूंगी ....
चटाक..... एक थप्पड़ की गूंज आई ....
तुम मेरी बेड पाटर्नर हो ओनली बेड पाटर्नर समझी ....तुम्हारी औरतों की वहीं जगह होती है वही तक सीमित रहो ...ज्यादा हो तो रसोईघर में... समझी...
सीमा सहमी सी अपने कमरे में भाग गई....
अगले दिन सुबह....नाश्ते पर...
सीमा ...मैंने तुम्हारे लिए एक लडका देखा है वहीं जा रहा हूं ...रिश्ता पक्का करने ...
लडका रेलवे मे है ...घर है अपना ....अच्छा कमाता है...
तुम्हे खुश होना चाहिए ...
कहकर उठा मुंह हाथ पोछकर कपडे संवारने लगा ...
सीमा कभी बडे भाई मनीष तो कभी अपनी मां समान भाभी को देखती ....
आज भी नही बोली तो ....मुझे भी घुटघुटकर मरना होगा... नही....
भैया ....मुझे कुछ कहना है ...
हां कहो....
भैया मेरे लिए आप चाहें कोई गरीब लडका ढूंढे ...जिसके पास अपना घर भले ना हो ...
भले ही अच्छा ना कमाता....
बस वो मुझे ....अपना जीवनसाथी समझे .....
ओनली सिर्फ लाइफ पाटर्नर .....कोई ओन्ली बेड पाटर्नर नही....
घर मे एकदम सन्नाटा छा गया...
अब मनीष कभी उसे कभी अपनी पत्नी शालिनी को देख रहा था ....
आज उसे स्वयं उसी की बहन ने उसे खुद के गिरेबान मे झांकने को कह दिया था ....
कयोंकि जो दूसरों की बहन बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करते है वो कैसे अपने घरों की बहन बेटियों को दूसरे परिवार मे खुश रहने का सपना देख सकते है ....
वो भीगी हुई शर्मिंदगी भरी नजरे लिए शालिनी और सीमा से उनके आगे हाथ जोडे माफी मांगने लगा ....
दोस्तों आशा है आप अपने दोस्त दीप की भावनाओं को बखूबी समझ गये है...
#दीप...🙏🙏🙏
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