“नीतू... जा पापा और भाई को बुला ले...खाना तैयार है मां राधिका ने अपनी बेटी नीतू से कहा...
नीतू ने पापा को बोला और फिर भाई को बुलाने के लिए उसके कमरे में गई...
नीतू कक्षा 10 में थी और उसका भाई मोहन कक्षा 12 में...
दोनों की बोर्ड की परीक्षाएं थी तो तैयारी में लगे थे...
भाई ज्यादातर ऊपर बने कमरे में ही रहता था वहा एक कमरा और था, लेकिन कभी कभी ही इस्तेमाल होता था...
नीतू जैसे ही कमरे में घुसी, उसका भाई मोहन लैपटॉप में कुछ देखता हुआ मिला... उसके कानों पर ईयरफोन होने के कारण उसे नीतू के कमरे में आने का पता नही चल पाया...
नीतू ने जो देखा, बेचारी सहम गई...मोहन ने जब उसे एकदम से देखा, तो उसने फौरन लैपटॉप तो बंद कर दिया, लेकिन नीतू का हाल देख कर शक हुआ कि उसने कुछ देख लिया है...
“तूने कुछ देखा तो नही.... मोहन ने सशंकित होते हुए पूछा....
नीतू ने इंकार में सिर हिलाया, लेकिन बोली कुछ नही..
“देख... अगर देखा भी है तो भूल जा...
किसी से कुछ न कहना, वर्ना मुझसे बुरा ना होगा..
मोहन ने आँखें दिखाई...
छोटी बहन नीतू बहुत डर गई...
“खाने के लिए बुलाने आई थी ना...मोहन ने पूछा..
जब नीतू ने हां में सिर हिलाया तो मोहन ने उसे जाने के लिए कहा और सामान समेटने लगा...
नीतू चुपचाप चली आई लेकिन वह गुमसुम सी हो गई थी सबने खाना खाया और मोहन फिर से ऊपर चला गया। नीतू भी अपनी किताबें लेकर पढ़ने बैठ गई...
मां उसे बड़ी देर से नोटिस कर रही थी...
उसका यूँ गुमसुम होना उसे अखर रहा था शायद पढ़ाई के कारण हो, उसने सोचा....
थोड़ी देर बाद फिर उसे देखा तो उसे शून्य में निहारते पाया, सामने किताबें खुली पढ़ी थी...
राधिका ने उसके सिर पर हाथ रखा, तो वह बुरी तरह चौंकी, फिर उससे लिपट गई...
“क्या बात है नीतू...बता मुझे...
राधिका ने बेहद कोमल स्वर में कहा...
जो नीतू ने बताया उसने राधिका को भी चिंता में डाल दिया...
इस छोटी सी बच्ची के मन पर उस एक घिनौने दृश्य ने ही कैसा प्रभाव डाला होगा, वह महसूस करने लगी...
वैसे तो उसे ज्ञात था कि बायोलॉजी के कोर्स में ही काफी कुछ होता है किंतु ऐसे दृश्य तो नहीं होते...
आजकल के बच्चों में स्त्री-पुरुष सम्बंधों के बारे में काफी समझ भी पैदा हो गई है लड़कियों को स्कूल में भी इसकी शिक्षा दी जाती है, लेकिन फिर भी...
राधिका ने नीतू को प्यार से समझाया और पढ़ाई में ध्यान लगाने को कहा। लेकिन, खुद उसका मन उसके ही काम में न लगा....मोहन पोर्न देख रहा है ये बात उसे हजम ही नहीं हो रही थी...
वह क्या करे बस यही सोचे जा रही थी...
पति से बात करना शायद सही ना हो, उन्होंने डाँट दिया तो बच्चे की बोर्ड की परीक्षा पर फर्क ना पड़ जाए...
आखिर उसने खुद ही मोहन से बात करना ठीक समझा और उसके कमरे में धीरे से गई...
उसने पाया कि मोहन पढ़ने में लगा है कुछ देर देखते रहने पर जब उसे लगा की मोहन का ध्यान पढ़ने में ही है तो उसने पूछा, “पढ़ाई कैसी चल रही है बेटा...
मोहन ने चौंक कर देखा और कहा, “ठीक है मम्मी... आज आप ऊपर कैसे, आप तो आते नहीं ना...
“यही तो गलती की ना बेटा...
मैंने ध्यान नहीं दिया, मेरा बेटा अकेले अकेले क्या क्या करता है...
“क्या कह रही हो मम्मी..., मैं क्या करता हूँ भला...
“वही तो जानना है चल मुझे भी वो दिखा जो नीतू ने गलती से देखा, बेचारी बहुत परेशान थी उसे देख कर... तो मैंने सोचा, मैं भी देखू...
मोहन को जैसे साँप सूँघ गया... वह सोच रहा था कि नीतू को डरा दिया तो अब कुछ ना होगा...
वह कुछ ना बोला...और बोलता भी क्या...
“दिखा मुझे...” राधिका ने दृढ़ता से कहा।
“नहीं माँ, मैंने डिलीट कर दिया वह वीडियो...
अब मैं कभी नहीं देखूँगा, कसम से...
“बेटा मैं समझती हूँ, तुम बड़े हो रहे हो...
लेकिन ये चीजें बस तुम्हें भटका सकती हैं, कोई ज्ञान नहीं दे सकती...
अभी तुम्हारा उद्देश्य सिर्फ पढ़ना और परीक्षाएं अच्छे से उत्तीर्ण करना ही होना चाहिए....
तुम्हें वह वीडियो मिला कहाँ से...
पापा ने इंटरनेट पर तो एडल्ट साइट्स की सैटिंग कर रखी है फिर....
“मम्मी.... वो शुभम ने दिया था मुझको...मोहन ने झिझकते हुए कहा...
“ओह....मैं शुभम की मम्मी से भी बात करुंगी...
राधिका ने कठोरता से कहा...
“नहीं मम्मी.... एैसा मत करना, प्लीज,” मोहन रुआंसा हो उठा...
“क्या तुम शुभम का भला नहीं चाहते... राधिका ने पूछा।
“ठीक है मम्मी....जैसा आप उचित समझें...
“मैं तुम्हारे दोस्तों में कोई बिगड़ा हुआ बच्चा नहीं चाहती, अगर शुभम ना सुधरे, तो तुम्हें उससे दोस्ती खत्म करनी होगी....
पूरी तरह से...
मैं नहीं चाहती तुम्हारे पापा तक यह बात जाए,” राधिका के स्वर में दृढ़ता थी...
“मम्मी....” कहता हुआ मोहन आँखों में आंसू लिए उससे लिपट गया....
राधिका ने भी उसे प्रेम से लिपटा लिया और उसके माथे का चुंबन लिया....
कठोरता और ममता ने मिल कर कठिन कार्य को सरल कर दिया था....
दोस्तों दुनिया में आने के बाद हमारी सर्वप्रथम गुरु हमारी मां ही होती है और आज गुरु पूर्णिमा है.....
जो हमें सही शिक्षा देती है
अर्थात... गुरु + पूर्ण + मां= गुरु पूर्णिमा
एक सुंदर रचना...
#दीप...🙏🙏🙏
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