Hindi Story : सुनो दो दिन बाद सावन शुरू हो रहा है। वार्डरोब खोल कपड़ों को तह लगाती इंदु ने अपने पति मनन को याद दिलाया था।
"हम्म....
उसने बिस्तर पर लेटे-लेटे हुंकारी भरी थी....
"एक बढ़िया सी हरी साड़ी ख़रीद लाना......
नई हरी लहठी,बिंदिया, महावर सब है मेरे पास लेकिन नई हरी साड़ी नहीं है....
उसने वार्डरोब बंद करते हुए पति की ओर देखा था
"इस सावन भी नई साड़ी......
लोग क्या कहेंगे....
Hindi Story | हिंदी कहानी | Hindi Kahani 2021
पत्नी की बात सुन बिस्तर से उठ बैठा मनन इंदू की ओर देख रहा था....
इंदु की सास का स्वर्गवास पिछले महीने ही हुआ था।
जीते जी सास ने कभी उसकी तारीफ में दो बोल नहीं बोले.....
वह हमेशा से बचपन में ही अपनी मां को खो चुकी बहू इंदू को एक "परफेक्ट-बहू" बनाने के चक्कर मे उसकी कमियां गिनाती उसकी तुलना अपनी बेटी यानी उसकी बड़ी ननंद से करती रही....
मनन जानता था कि उसकी मां ने उसकी पत्नी से कभी प्रेम के दो मीठे बोल नहीं बोले इसलिए उसकी पत्नी महीनों तक अपनी सास के मरने का दुख नहीं मनाएगी।
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वह उससे ऐसी कोई उम्मीद कर भी नहीं रहा था लेकिन अभी तो एक महीना भी ठीक से नहीं बीता था।
"देखिए मुझे लोगों से कोई लेना-देना नहीं है,..वैसे भी लोगों ने मुझसे कभी कोई उम्मीद नहीं की और ना ही कभी अपना समझ कर कुछ समझाया है....
उसने स्पष्ट शब्दों में पति को समझाना चाहा था...
"फिर भी इंदु......
मनन के स्वर में दुख और उदासी थी।
"आप समझते क्यों नहीं,..सालभर बाद सावन आता है।"
"तुम्हारी बात सही है.....
लेकिन.....
"लेकिन-वेकिन कुछ नहीं,..
मां जी नहीं रही तो क्या हुआ,..वो हमेशा कहती थी की मायका होते हुए ब्याहता बेटी का सावन कभी फांका नहीं जाना चाहिए,..
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मै दीदी का सावन कभी उदास नहीं जाने दूंगी....
बचपन से ही मां के स्नेह से वंचित इंदू अपनी सास और ननद के बीच के स्नेह को याद कर रही थी।
मनन भी मुस्कुराते होंठ और भरी आंखों से इंदू को "परफेक्ट "बहू होने की बधाईयां दे रहा था....
एक सुंदर प्रेणादायक रचना
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